Jan 23, 12:55 am

National Epilepsy Day: जानें क्या है मिर्गी की समस्या और दूर करें इससे जुड़ी ये गलतफहमियां

National Epilepsy Day 2024

मिर्गी एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में व्यक्ति का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी डे यानी राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को मिर्गी के बारे में, उसके इलाज और नियंत्रण के बारे में जागरूक करना है। मिर्गी बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की गलतफहमियांं हैं और उसके बचाव के बारे में भी उन्हें ज्यादा कुछ नहीं पता, तो आज के लेख में हम इन्हीं के बारे में बात करने वाले हैं।

मिर्गी का कारण

60 से 70 फीसदी मामलोंं में इसका कोई कारण नहीं होता। बाकी कारणों में ब्रेन में टीबी, ब्रेन में ब्लीडिंग या क्लोटिंग, अंदरूनी चोट व जन्म के समय बच्चे को ऑक्सीजन की कमी, बिना धुली सलाद व गंदे पानी में उगी सब्जियां या एक प्रकार के कृमि के ब्रेन से पहुंचने से होती है। इससे सिस्टीसरकोसिस नाम की बीमारी होती है व दौरा पड़ जाता है।

मिर्गी से जुड़े इन मिथकों से रहें दूर

यह एक तरह का संक्रामक रोग है।
यह मानसिक रोग है।
मिर्गी भूत-प्रेत या बुरी नजर से होता है।
मिर्गी का इलाज नामुमकिन है।
मिर्गी रोगी को दौरा पड़ने पर जूता, प्याज या घोड़े की नाल सुंघानी चाहिए।
मिर्गी मरीज शादी नहीं कर सकते।
इन सभी भ्रांतियों को दूर करें, दूसरों को भी जागरूक करें और इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाएं।

दौरों से ऐसे करें बचाव

नियमित रूप से दवा लें, अपने मन से कम ज्यादा न करें।
रात को देर तक न जागें, समय पर सोएं।
नशीली चीजों का सेवन न करें।
महिलाएं संस्थागत प्रसव कराएं, जिससे नवजात को ऑक्सीजन की कमी न हो।
बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें।

क्या करें और क्या न करें

मरीज को जूता न सुंघाएं।
उनके मुंह में पानी न डालें।
उनके मुंह में कपड़ा न ठूंसें।
उनके जबड़े को जबरन चम्मच से खोलने की कोशिश न करें।
मरीज को घेरकर खड़े न हों।
मरीज को नीचे लेटा दें।
मरीज के कपड़े ढीले कर दें।
मरीज के आसपास चोट लगने वाली नुकीली चीजें हटा दें।
मरीज को करवट लेकर तकिया लगाकर लिटा दें।
मरीज को सांस आराम से आने दें।
मरीज के मुंंह में आए झाग को कपड़े से साफ कर दें।