एक सफल प्रोफेशनल करियर बनाने में सिर्फ स्ट्रॉन्ग एकैडेमिक बैकग्राउंड की ही जरूरत नहीं होती, बल्कि इसमें इंटर्नशिप का भी रोल खास होता है। इससे न सिर्फ करियर में ग्रोथ अच्छी होती है, बल्कि आपका रेज्यूमे भी आकर्षक बनता है, जो कॉरपोरेट वर्ल्ड में आपकी एंट्री और सक्सेस में मददगार होता है।
किसी प्रोफेशनल कोर्स को पूरा करने के बाद जब आप इंटर्नशिप करते हैं, तो इससे आपको रियल वर्ल्ड का एक्सपीरियंस मिलता है। साथ ही अपने स्किल को निखारने और नेटवर्किंग का भी मौका भी मिलता है, जो आपके बेहतर भविष्य की नींव तैयार करता है।
इंटर्नशिप के फायदे
नई स्किल सीखने का मौका
एजुकेशन पूरी करने के बाद अपनी स्किल को निखारने का इंटर्नशिप से बेहतरीन दूसरा मौका हो ही नहीं सकता। बेशक सक्सेफुल करियर के लिए डिग्री और ग्रेड बेहद मायने रखते हैं, लेकिन इंटर्नशिप की मुहर उसमें और ज्यादा इजाफा कर देते हैं। इसके बाद जब आप किसी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई करते हैें, तो ऐसा माना जाता है कि आपके पास काम की नॉलेज है, जिससे जॉब मिलना आसान हो जाता है।
रेज्यूमे होता है स्ट्रॉन्ग
इंटर्नशिप एक्सपीरियंस आपके स्किल्ड होने का एक प्रमाण माना जाता है, इसलिए हमेशा अपने रेज्यूमे में इंटर्नशिप से जुड़ी हर एक डिटेल्स शामिल करनी चाहिए।
करियर गोल्स को लेकर स्पष्टता
इंटर्नशिप के दौरान आपको खुद के बारे में ये भी जानने का मौका मिल जाता है कि आप किस रोल के लिए परफेक्ट हैं या किस रोल में ज्यादा संभावनाएं हैं। जिसके आधार पर आप अपना करियर गोल सेट कर सकते हैं।
वर्क कल्चर सीखने का मौका
इंटर्नशिप करने के बाद कॉन्फिडेंस लेवल भी बढ़ जाता है। किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने, स्ट्रेस और चैलेंजिंग माहौल का सामना करते हुए खुद को और टीम को कैसे मैनेज करना है. ये सारी चीजें भी सीख जाते हैं। इससे किसी इंटरव्यू और प्रोफेशनल इंटरैक्शन में आपको बहुत फायदा मिलता है।